Newsletter Sign Up

Subscribe to the TripToTemples newsletter and get the latest updates straight to your inbox.

क्या हैं पंच कैलाश ?

क्या हैं पंच कैलाश ?

पंच कैलाश

हमारे भारत और तिब्बत में स्थित 5 अलग-अलग कैलाश पर्वत हैं जिन्हें सम्मिलित रूप से पंच कैलाश नाम दिया गया है ।। 

शिव भक्तों के लिए मोक्ष प्राप्ति हेतु पंच कैलाश यात्रा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है , सभी 5 कैलाश हिमलाय पर्वतश्रृंखला में स्थित हैं ! अधिकांश यात्री पंच कैलाश यात्रा को सत्य की यात्रा और एक महान आध्यात्मिक अनुभूति का अनुभव मानते हैं , आइये पंच कैलाश यात्रा में सम्मिलित कैलाश पर्वतों के बारे में संक्षिप्त में जानते हैं ।।

1

आदि कैलाश (छोटा कैलाश)

आदि कैलाश (छोटा कैलाश) भारत तिब्बत सीमा के बिलकुल पास भारतीय सीमा क्षेत्र के अंदर स्थित है , छोटा कैलाश उत्तराखंड के धारचूला जिले में स्थित है। यह क्षेत्र उत्तम प्राकृतिक सुंदरता, शांति और सम्प्रभुता से भरा पूरा है। यह क्षेत्र बहुत ही शांत है, शांति की तलाश कर रहे यात्रियों के लिए यह स्थान अति उत्तम साबित होता है ! बहुत से लोग एक सामान रूप के चलते आदि कैलाश और मुख्य कैलाश में भ्रमित हो जातें हैं। आदि कैलाश के समीप एक झील स्थित है जिसे "पार्वती ताल" कहा जाता है ।।

2

किन्नौर कैलाश

किन्नौर कैलाश हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की किन्नौर घाटी में स्थित है। इसकी ऊंचाई लगभग 6050 मीटर है। इसका अपना एक पौराणिक इतिहास है , किंवदंतियों के अनुसार किन्नौर कैलाश के समीप देवी पार्वती द्वारा निर्मित एक सरोवर है, जिसे उन्होंने पूजा के लिए बनाया था, इसे "पार्वती सरोवर" के नाम से जाना जाता है। इस स्थान को भगवान शिव और देवी पार्वती का मिलन स्थल भी माना जाता है ! स्थानीय लोगों के अनुसार इस पर्वत की चोटी पर एक पक्षियों का जोड़ा रहता है। लोग इन पक्षियों को माता पार्वती और भगवान शिव मानते हैं। इस कैलाश को बहुत आध्यात्मिक माना जाता है क्योंकि भले पुरे क्षेत्र में कितनी भी बर्फ क्यों न गिरे पर किन्नौर कैलाश कभी भी बर्फ से नहीं ढकता है ।।

3

श्रीखंड कैलाश

श्रीखंड कैलाश हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है , समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 5227 मीटर है , यहाँ पहुँचने के लिए हिमालय श्रृंखलाओं से होते हुए कई ग्लेशियर पार करने होते हैं ! इस पर्वत के बारे में एक पौराणिक कथानुसार कहा जाता है कि भस्मासुर ने इस पर्वत पर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न कर वरदान की प्राप्ति की थी। भगवान शिव ने भस्मासुर को किसी के भी सिर पर हाथ रखकर उसे भस्म करने का वरदान दिया था !! भस्मासुर अपने वरदान की सत्यता को जांचने के उद्देश्य से भगवान शिव के सिर पर हाथ रखने की कोशिश करने लगा तब भगवान शिव वहां से भाग खड़े हुए , भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके भस्मासुर के साथ नृत्य करते हुए उसका हाथ उसी के सिर पर रखवा दिया और इस प्रकार भगवान शिव की रक्षा की थी , भस्मासुर इसी पर्वत पर भस्म हुआ था ऐसा किंवदंतियों में कहा गया है ।।

4

चम्बा कैलाश (मणिमहेश कैलाश)

मणिमहेश कैलाश हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में स्थित है, इस कारण इसे चम्बा कैलाश भी कहा जाता है। इसकी ऊंचाई लगभग 5653 मीटर है , यह भुधिल घाटी से 26 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। मणिमहेश कैलाश के समीप मणिमहेश झील है जो कि मानसरोवर झील के समानान्तर ऊंचाई पर बहती है , आज तक के इतिहास के अनुसार आज तक कोई भी आगंतुक इस पर्वत की चढ़ाई को पूरा नहीं कर पाया है। 1968 में नंदिनी पटेल नाम की महिला ने इस पर्वत पर चढ़ाई की कोशिश की थी परन्तु उसे बीच में ही अभियान को रोकना पड़ा था , पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह के पूर्व इस पर्वत को बनाया था , ऐसा माना जाता है कि यह भगवान शिव के निवास स्थलों में से एक है और भगवान शिव अपनी पत्नी के साथ अक्सर यहाँ घूमते हैं..!!

5

कैलाश पर्वत (मुख्य कैलाश)

कैलाश पर्वत तिब्बत में स्थित है , सभी कैलाश पर्वतों में यह 6638 मीटर की ऊंचाई के साथ सबसे ऊँचा है। यह स्थल न केवल हिन्दू धर्म में अपितु बौद्ध धर्म, जैन धर्म आदि धर्मों में भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है !! हिन्दू पौराणिक गाथाओं के अनुसार यहाँ पर भगवान शिव ने लम्बे समय तक निवास किया है, शिव यहाँ पर ध्यान भी करते थे , कैलाश पर्वत को भगवान शिव के भक्तों के साथ-साथ अन्य धर्मों के अनुयायियों को भी आध्यात्मिक मुक्ति, मोक्ष और आनंद प्रदान करने वाला माना गया है। कैलाश पर्वत के पास मानसरोवर झील और रक्षास्थल स्थित हैं ।।

आज तक कैलाश पर्वत पर कोई भी नहीं चढ़ पाया है ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि माना जाता है कि कैलाश पर्वत अपनी स्थिति बदलता रहता है।। सुप्रभात हर हर महादेव ?

Get in Touch

Have An Enquiry? Write To Us…

Phone

Popular Pilgrimage Packages

No data found

Newsletter Sign Up

Subscribe to the TripToTemples newsletter and get the latest updates straight to your inbox.

Talk to TTT Expert !